Friday, March 25, 2011

आतंक के साए में


आतंक के साए में नशेमन बना लिया 
अफ़सोस हमारी कौम ने ये क्या किया 

आज लहू को लहू की प्यास क्यूँ है 
शायद जंगल ने  दायरा बड़ा दिया 

No comments:

Post a Comment