Tuesday, May 17, 2011

बे -गरज यार


आईने तो लगे है ज़माने भर की दीवारों में
उनमे  हर शक्ल गुफ्तगू करती  इशारों में
या इलाही,  एक, बस एक  आइना ऐसा दे दे 
जो बे-गरज यार दिखा दे हुज्जूम-ए-यारों में   

2 comments:

  1. aisa ho jaye to jindgi fir se usi andaj me jine ka dil kare.......

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