Friday, June 10, 2011

ज़माना कहे की बच्चा है


ज़िन्दगी से सवाल न करूँ तो अच्छा है 
क्या बुरा गर ज़माना कहे की बच्चा है 

कई जेह्मतों  से युही बच जाऊंगा  
अपनी नादानी को खूब आजमाऊंगा 
               लोग तो  यही समझेंगे अभी कच्चा है 
              क्या बुरा गर ज़माना कहे की बच्चा है 
भोलेपन में सब को अपना बनाऊंगा 
हर एक की मोहब्बत को आजमाउंगा   
                  चाहनेवाले तो कहेंगे की ये सच्चा है 
              क्या बुरा गर ज़माना कहे की बच्चा है 
भला करने की हिम्मत नहीं  करता कोई 
इस मामले  में  सब की  सोच है  सोई 
                       भला करने वाले को मिलता गच्चा है 
        क्या बुरा गर ज़माना कहे की बच्चा है 
खेर छोड़ा अभी कई बातें आजमानी है 
अभी तो मेरी सोच में भी जवानी है 
           किसी के लिए कुछ कर पाऊं  तो अच्छा है 
                 क्या बुरा गर ज़माना कहे की बच्चा है  

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