Monday, July 11, 2011

मुफ्लिश की भूखी रातें

रूमानियत के आगे इंसानियत की बातें क्या 
रंगीनियों के आगे मुफ्लिश की भूखी रातें क्या 
हसीन जलवों से निगाहें फुर्सत नहीं लेती  
उन्हें ज़मी पे दो ज़ख के हालात दिखाते क्या 

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