Thursday, August 4, 2011

प्यारी बहु रानी कल हमारे घर को अपनाना

प्यारी बहु रानी कल हमारे घर को अपनाना

बेटी बन के न आना क्योंकि बेटियों पड़ता है जाना
बहु बन के आना और बहु बन के अपनाना

प्यारी बहु रानी..............

अपनी उमंगों को आसमां दिखाना
तुम्हारे ख्वाबों की दुनिया को अब हमें है सजाना

प्यारी बहु रानी..............

बाबुल के घर से मिली सोच में तुम हमारे तजुर्बे को मिलाना
और उसी के सहारे हमरे सपनो को तुम साकार बनाना

प्यारी बहु रानी..............

उस घर को ख्यालों में बसाये रखना इस घर को
नज़रों में सजाए रखना, अब यही होगा तुम्हारा आशियाना

प्यारी बहु रानी..............

लज्जा और शालीनता के गहने एवं कर्तव्य के वस्त्र ओड़
अपने व्यक्तित्व को ऐसा सजाना की मंत्रमुग्ध हो जाये जमाना

प्यारी बहु रानी कल हमारे घर को अपनाना .
 

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