कई हिस्सों से जुड कर बनी बुनियाद-ए-जिंदगी
कई मकामों से गुजर कर मयसर हुई मंजिल-ए-जिंदगी
मुहब्बत-ओ-नफरत का स्वाद लिए है शर्बत-ए-जिंदगी
हर तलाश खत्म हो पर ना खत्म हो तलाश-ए-जिंदगी
कई हैरानियों की एक रूदाद है दास्ताँ–ए-जिंदगी
जिस्म खाक हो जाये पर मिटती नहीं महक-ए-जिंदगी
एक सफर को अंजाम मिला फिर नया सफर होगा नई आगाज़-ए-जिंदगी
आखरी सलाम न कर, तेरी रूह का था एक मक़ाम, ये जिंदगी
-हेमन्त
कई मकामों से गुजर कर मयसर हुई मंजिल-ए-जिंदगी
मुहब्बत-ओ-नफरत का स्वाद लिए है शर्बत-ए-जिंदगी
हर तलाश खत्म हो पर ना खत्म हो तलाश-ए-जिंदगी
कई हैरानियों की एक रूदाद है दास्ताँ–ए-जिंदगी
जिस्म खाक हो जाये पर मिटती नहीं महक-ए-जिंदगी
एक सफर को अंजाम मिला फिर नया सफर होगा नई आगाज़-ए-जिंदगी
आखरी सलाम न कर, तेरी रूह का था एक मक़ाम, ये जिंदगी
-हेमन्त
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