में फकत मुहब्बत के लम्हे याद रखता हूँ
चाहत से भरे हर एक लहजे याद रखता हूँ
तल्खियत कब तक जेहन में बसा के रखे कोई
रख सकूँ हाथ जिन पर वो कंधे याद रखता हूँ
चाहत से भरे हर एक लहजे याद रखता हूँ
तल्खियत कब तक जेहन में बसा के रखे कोई
रख सकूँ हाथ जिन पर वो कंधे याद रखता हूँ
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