Pages
My FACE BOOK Page
Home
About Me
Friday, March 25, 2011
आतंक के साए में
आतंक के साए में नशेमन बना लिया
अफ़सोस हमारी कौम ने ये क्या किया
आज लहू को लहू की प्यास क्यूँ है
शायद जंगल ने दायरा बड़ा दिया
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment