Thursday, March 17, 2011

My Happiness

दिल के जज्बात है ये कोई  साज़ की आवाज़ नहीं 
मेरे अशआर किसी के दाद के मोहताज़ नहीं 
पुरसुकूं होते है इन्हें  पढ़ पढ़ के बार  बार
क्या गिला जो सर पे शौहरत  का ताज नहीं


पुरसुकूं- आनंद से परिपूर्ण 

1 comment:

  1. Hum Insha hai hamari harkte kuch admiana sa hai

    jazbaat jab kabhi syahi bane!Ye bikaneri Diwana sa hai

    Good one awaiting for the sequel
    -----Aloke Tiwari

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