Saturday, April 2, 2011

अब ख़ुशी में


अब ख़ुशी में वो ख़ुशी नहीं होती 
क्यूंकि ख़ुशी की उम्र बड़ी नहीं होती 
कभी छीना ख़ुशी को तो कभी निचोड़ा 
ख़ुशी खुद की ख़ुशी से अपनी नहीं होती 

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