Sunday, June 12, 2011

में जोहरी तो था

में जोहरी तो था मगर कभी  वक्त ने पर्दा डाला दिया  
में जोहरी तो था मगर कभी रौशनी ने धोखा दे दिया 
में जोहरी तो था मगर कभी शीशे कुछ ज्यादा चमक गए 
में जोहरी तो था मगर कभी तरासने वाले ने कमाल कर दिया 
में जोहरी तो था मगर कभी हालात पथारों में उलझाते रहे 
और आज सब मुकमल  है पर निगाहों की उम्र हो गई 

No comments:

Post a Comment