में जोहरी तो था मगर कभी वक्त ने पर्दा डाला दिया
में जोहरी तो था मगर कभी रौशनी ने धोखा दे दिया
में जोहरी तो था मगर कभी शीशे कुछ ज्यादा चमक गए
में जोहरी तो था मगर कभी तरासने वाले ने कमाल कर दिया
में जोहरी तो था मगर कभी हालात पथारों में उलझाते रहे
और आज सब मुकमल है पर निगाहों की उम्र हो गई
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