बड़ा नादाँ हूं ख्यालों के दरिया में बह जाता हूं
जो नामुमकिन हो वो बातें कह जाता हूं
दिल का जेहन से वास्ता नहीं रख पाता हूं
और कलम को सदा दिल से ही चलाता हूं
जो नामुमकिन हो वो बातें कह जाता हूं
दिल का जेहन से वास्ता नहीं रख पाता हूं
और कलम को सदा दिल से ही चलाता हूं
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